अपने ही अपनों से करते है, अपनेपन की अभिलाषा.. पर अपनों नें ही बदल राखी है, अपनेपन की परिभाषा….
Category: बेवफा शायरी
मौत मेरी हो गयी
मौत मेरी हो गयी किसने कहा झूंठ है आकर सरासर देख लो
मिटटी महबूबा सी
मिटटी महबूबा सी नजर आती है गले लगाता हूँ तो महक जाती है ।।
गलती से भी
गलती से भी कभी ये भूल मत करना , बहुत जल्दी किसी को कबूल मत करना ॥
उस तस्वीर का
उस तस्वीर का एक हिस्सा खो गया मुझसे, जिस तस्वीर में उस का हाथ था मेरे हाथ में.!!
कुछ लोग मुझे
कुछ लोग मुझे अपना कहा करते थे, सच कहूँ वो सिर्फ कहाँ ही करते थे..
हमने जब कहा
हमने जब कहा नशा शराब का लाजवाब है, तो उसने अपने होठो से सारे वहम तोड़ दिए।
सफ़र ख़त्म कर देंगे
सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर, जहाँ तक तुम्हारे क़दम ले चलेंगे !!
लोगो ने कुछ दिया तो
लोगो ने कुछ दिया तो सुनाया भी बहुत कुछ… ऐ खुदा एक तेरा ही दर है जहा कभी ताना नहीं मिला..
मेरी किस्मत में
मेरी किस्मत में कुछ नही ,और मेरे हाथ भरे पड़े है लकीरों से……..!!