कौन कहता है हम दुनिंया से खाली हाथ जायेगे ,तेरा नाम रूह पे लिखवा कर आयेगे ॥
Category: प्रेणास्पद शायरी
ये मुहब्बत की
ये मुहब्बत की तोहीन है… चाँद देखूँ तुम्हें देखकर…
चूम लेता है
चूम लेता है झूठे तमगे जीत के भी हार जाता है मौत तो कई दफा होती है जनाजा मगर एक बार जाता है|
वो तब भी थी
वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी ये मोहब्बत है …. पढाई नही जो पूरी हो जाए…..
उजागर हो गई
उजागर हो गई होतीं वो करतूतें सभी काली, ख़बर को आम होने से मगर अखबार ने रोका
कभी खो लिया
कभी खो लिया कभी पा लिया कभी रो लिया कभी गा लिया कभी छीन लेती है हर ख़ुशी कभी मेहरबान बेहिसाब है।
ये जो ज़िन्दगी की
ये जो ज़िन्दगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है कभी इक हसीं सा ख्वाब है कभी जानलेवा अज़ाब है।
सिर्फ़…. तुम ही हो मेरे
सिर्फ़…. तुम ही हो मेरे मुस्कुराने की वज़ह बाक़ी तो सबको मेरा दर्द पसंद है !!
खौफ अब खत्म हुआ
खौफ अब खत्म हुआ सबसे जुदा होने का.. अपनी तन्हाई में हम अब मसरूफ बहुत रहते हैं..
ना लफ़्ज़ों का
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं, मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले…