मैं चीज़ महंगी

मैं चीज़ महंगी और महान बेचता हूँ ‘जनाब’… लोग ईमान बेचते हैं और मैं मुस्कान बेचता हूं..।

जिंदगी में कुछ भी

जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता, बचपन खोया तब जाकर जवानी मिली…!!!

किसी ने मुझसे पूछा

किसी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा अपना कौन है… मैने हँसते हुए कहा.. जो किसी और के लिए मुझे नज़र अंदाज़ ना करे

बहुत देर तक परखा

बहुत सोंचा बहुत समझा बहुत देर तक परखा, तनहा हो के जी लेना मोहब्बत से बेहतर है!

अंधेरो से डरने की डाल कर

आदत मेरी अंधेरो से डरने की डाल कर, एक शक्श मेरी जिंदगी को रात कर गया ।

तुझे मोहोब्बत भी

तुझे मोहोब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी..!! अब तो बात नफरत की है , सोच तेरा क्या होगा !

कभी हर्श पर

कभी हर्श पर , कभी फर्श पर… कभी तेरा दर, कभी दरबदर… गमे आशिक़ी तेरा शुक्रिया… में कहा कहा से गुज़र गया .

उसके ख़त में

उसके ख़त में इश्क़ की गवाही आज भी है…. हर्फ़ धुंधले हो गए हैं मगर स्याही आज भी है।।।।।

किसको बरदाश्त है

किसको बरदाश्त है खुशी आजकल लोग तो दूसरो की … अंतिम यात्रा की भीङ देखकर भी जल जाते है …!!

ऐ वक्त तु जरा

ऐ वक्त तु जरा एक मुकाम तो हासिल करले कब तक यूं ही अकेला चलता रहेगा ..

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