तुम ये कैसे जुदा हो

तुम ये कैसे जुदा हो गये?! हर तरफ़ हर जगह हो गये!! अपना चेहरा न बदला गया! आईने से ख़फ़ा हो गये!!

अगर अहसास बयां

अगर अहसास बयां हो जाते लफ्जों से तो…… फिर कौन करता कद्र…. खामोशियों की…..

आसमाँ की ऊंचाई

आसमाँ की ऊंचाई नापना छोड़ दे ए दोस्त…. ज़मीं की गहराई बढ़ा… अभी और नीचे गिरेंगे लोग

जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो..

जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो.. तो वहाँ खुद को समझा लेना चाहिए…

अब पता चला

अब पता चला… आसमान बरस नहीं… रो रहा था… वो जानता था… एक फरिश्ता आज… हमेशा के लिए… सो रहा था…

सवाल ही पैदा नहीं होता

वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…? जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..

हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी

हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी,,,, पर कोई हुनर काम नहीं आता , जब तेरा नाम आता हैं…!!

एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना

एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना तो सौ बार जुनूँ ने तेरी तसवीर दिखा दी

नजरें नीची झुक गई

मुझे देख कर आज उनकी नजरें नीची झुक गई….. लगता है इस से पहले किसी से आँख मिला के आई है…….!

अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है

अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है दर्द ये है कि तुमे परवाह नही है..!!

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