आदतें अलग हैं, मेरी दुनिया वालों से, कम दोस्त रखता हूँ, पर लाजवाब रखता हूँ..
Category: दर्द शायरी
हम जिंदगी में
हम जिंदगी में बहुत सी चीजे खो देते है, “नहीं” जल्दी बोल कर और “हाँ” देर से बोल कर..
मत पूछो कैसे
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना, कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !!
बस इतनी सी बात पर
बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है ! हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…!!!
इतनी मोहब्बत दूं
इतनी मोहब्बत दूं की हो जाये तू मेरा, फिर ज़माने को तेरे लिए तरसता देखूं…
किसी और का हाथ
किसी और का हाथ कैसे थाम लूँ, वो तन्हा मिल गया कभी तो क्या जवाब दूँगा…!!
हर शख्स परिंदों का
हर शख्स परिंदों का हमदर्द नही होता मेरे दोस्त, बहुत बेदर्द बेठे है दुनिया में जाल बिछाने वाले !!
वो अब भी
वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे, ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं !!
एक नया दर्द
एक नया दर्द दिल में जगाकर चला गया, वो कल फिर से मेरे शहर में आकर चला गया !!
कभी पास बैठ कर
कभी पास बैठ कर गुजरा तो कभी दूर रह कर गुजरा, लेकिन तेरे साथ जितना भी वक्त गुजरा बहुत खूबसूरत गुजरा|