बक्श दें प्यार की गुस्ताख़ियां

बक्श दें प्यार की गुस्ताख़ियां दिल ही क़ाबू में नहीं हम क्या करे

में जो समझता हु

में  जो  समझता  हु  और  हर  कोई  नहीं   समझता  और जो  लोग  समझते  है  वो  मुझे  नहीं  समझना.

मत सोना कभी किसी

मत सोना कभी किसी के कन्धे पर सर रख कर, जब ये बिछडते हे तो रेशम के तकिये पर भी नीँन्द नहीँ आती..

जो सिरफिरा होते हैं

जो सिरफिरा होते हैं इतिहास वो ही लिखते हैं, समझदार तो सिर्फ़ उसे पढ़ते हैं

डर मुझे भी लगा फांसला देख कर

डर मुझे भी लगा फांसला देख कर, पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर, खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर.!

एक सुबह ऐसी भी हो.!

एक सुबह ऐसी भी हो.! जहाँ आँखे जिंदा रहने के लिये नही..!! पर जिंदगी जीने के लिये खुले…!!

संकल्प पूरे होते हैं

सपने कभी पूरे नहीं होते , संकल्प पूरे होते हैं ।

हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी

हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी,,,, पर कोई हुनर काम नहीं आता , जब तेरा नाम आता हैं…!!

छोड़ दी सारी खाव्हिश

छोड़ दी सारी खाव्हिश जो तुझे पसंद ना थी ए दोस्त…. तेरी दोस्ती ना सही पर तेरी ख्वाहिश आज भी पूरी करते है..!!

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