ख़ामोश रह कर सजा काटते रहे हम। कसूर इतना था कि बे-कसूर थे हम..!!
Category: शायरी
इस दौर में यारों
देखे जो बुरे दिन तो ये बात समझ आई, इस दौर में यारों का औकात से रिश्ता है।
मेरी बेफिक्र अदा से
मेरी बेफिक्र अदा से लोगों में गलतफहमी बेहिसाब है, उन्हें क्या मालूम, मेरा वजूद फिक्र पर लिखी गई इक किताब है…!
हमारी महोबत ऐसी है
हमारी महोबत ऐसी है….. आपके ना होते हुऐ भी आपसे ही रहेगी…
ज़िन्दगी ये चाहती है
ज़िन्दगी ये चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ, मैं इस इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।
मुद्दतों जिसकी याद में
मुद्दतों जिसकी याद में आंख की नमी ना गयी , उसकी ही बातें आज हमें मतलबी ठहरा गयी…
नाराज क्यों होते हो
नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर…… जरा टूटे हुए दिल के टुकङे तो उठा लेने दो….!!
टूटी हुई नींदों के दरमियाँ
थकी , टूटी हुई नींदों के दरमियाँ…अब भी…, . अक्सर बहुत चुपके से जाग जाती हैं…. ख्वाहिश उसकी…!!
आँखों में नज़र आता है
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को….. अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा..
इस दुनिया के सभी लोग
इस दुनिया के सभी लोग आपके लिये बहोत अच्छे है, बस शर्त इतनी सी है की आपके दिन अच्छे होने चाहिये !!