आदत मेरी अंधेरो से डरने की डाल कर… एक शक्श मेरी जिंदगी को रात कर गया ..!!
Category: दर्द शायरी
जब दूरियाँ आ जाएँ
जब दूरियाँ आ जाएँ दरमियाँ इस कदर कि पलट कर देखना भी न मुमकिन हो तब समझ लेना कि खत्म सब हो गया जब रुखसते देना भी न मुमकिन हो …
तेरे पहलु में
तेरे पहलु में तेरे दिल के क़रीब रहना है…!! मेरी दुनिया है बस यहीं मुझको यही रहना है…!!
ये संगदिलों की दुनिया है
ये संगदिलों की दुनिया है यहाँ संभलकर चलना दोस्तों…!! यहाँ पलकों पर बिठाया जाता है नज़रों से गिराने के लिए…!!
तन्हाइयों के लम्हें
तन्हाइयों के लम्हें अब तेरी यादों का पता पूछते हैं…!! तुझे भूलने की बात करूँ तो ये तेरी खता पूछते हैं…!!
अजीब रंगो में
अजीब रंगो में गुज़री है मेरी ये ज़िन्दगी…!! दिलों पर राज किया पर मोहब्बत को तरस गए…!!
मेरी तलाश का जुर्म
मेरी तलाश का जुर्म है या मेरी वफ़ा का कसूर…!! जो भी दिल के करीब आया वही “बेवफ़ा” निकला…!!
बेवजह अब ज़िन्दगी में
बेवजह अब ज़िन्दगी में प्यार के बीज न बोए कोई…!! मोहब्बत के पेड़ हमेशा ग़म की बारिश ही लाते हैं…!!
चलो ये ज़िन्दगी
चलो ये ज़िन्दगी अब तुम्हारे नाम करते हैं…!!सुना है बेवफ़ा की बेवफ़ा से खूब बनती है…!!
कभी मतलब के लिए
कभी मतलब के लिए तो कभी दिल्लगी के लिए…!! हर कोई मोहब्बत ढूंढ रहा है यहाँ अपनी ज़िन्दगी के लिए…!!