वास्ता नही रखना तो.. फिर मुझपे.. नजर क्यूं रखता है? मैं किस हाल में जिंदा हूँ… तू ये सब.. खबर क्यूं रखता है..!!
Category: जिंदगी शायरी
कार्य करने के लिए
परिणामो की चिंता करना हमारा कार्यक्षेत्र नहीं हे.. . . हम तो सिर्फ कार्य करने के लिए उत्तरदायी हे… ……
मुझे भी आता था
हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है, . उन्हें कैसे समझाऊ एक ख्वाब अधुरा है …. वर्ना जीना मुझे भी आता था….. …..
धड़कन तो इसे
अगर रुक जाये धड़कन तो इसे मौत न समझना…. अक्सर होता है ऐसा तुझे याद करते-करते….
हाथ जल गए
मेरा तो कुछ न हुआ हाथ जल गए उसके बुझा रहा था जो मुझको बड़ी सफ़ाई से..
प्रवचन देता है
आदमी सुनता है मन भर’. सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर; और खुद ग्रहण नही करता कणभर।
तुम खुद ही
मेरी नजर से कभी खुद को देखना, . तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जाओगे…!!
धड़क रहा होगा
मेरा नाम लिखकर छूकर देखना कभी… कोई दिल वहाँ भी धड़क रहा होगा
हिम्मत इतनी थी
हिम्मत इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे मजबूर इतने हुए कि दो बूँद आँसुओं ने डुबो दिया..!!
आज तो जिंदगी के
आज तो जिंदगी के मजे करो, क्योकि जिंदगी नही मिलेगी