धड़कने गूजती है सीने में

धड़कने गूजती है सीने में , इतने सुनसान हो गए हैं हम..!!!

ऐ दिल सोजा

ऐ दिल सोजा, अब तेरी शायरी पढ़ने वाली अब किसी और शायर की गजल बन गयी है..⁠⁠⁠⁠

मन को देखो

कभी किसी के चेहरे को मत देखो बल्कि उसके मन को देखो क्योंकि अगर सफ़ेद रंग में वफ़ा होती तो नमक जख्मो की दवा होती।

चले भी आओ तसव्वुर में

चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकर….. आज इंतज़ार तेरा….. दिल को…. हद से कुछ ज्यादा है

जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें

जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें… हमारी शख्सियत कांटा भी है, गुलाब भी है |

आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया

आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया.. वो गरीब कुछ न मिलने, पर भी दुआ दे गया ….

व्यापम

जननी माँ है, मौत है व्यापम असमय मौत का स्रोत है व्यापम। ग़म है व्यापम, तम है व्यापम, शिवराज का परचम है व्यापम। आगम सृष्टि तो निर्गम है व्यापम, बड़ा ही कठोर व निर्मम है व्यापम। असमय हर पल हर दम व्यापम, भाजपा के वीरों का दमख़म व्यापम। मोदी का हट दंभ और दम है… Continue reading व्यापम

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