लहरो की तो फितरत ही हैं शोर मचाने की…..
मंजिल उसी की होती हैं…जो नजरो में तूफ़ान देखता हैं ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लहरो की तो फितरत ही हैं शोर मचाने की…..
मंजिल उसी की होती हैं…जो नजरो में तूफ़ान देखता हैं ।