लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता,
बस उसका जंग उसे नष्ट करता है।
इसी तरह आदमी को भी कोई और नहीं बल्कि उसकी नकारात्मक सोच ही नष्ट करती है।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता,
बस उसका जंग उसे नष्ट करता है।
इसी तरह आदमी को भी कोई और नहीं बल्कि उसकी नकारात्मक सोच ही नष्ट करती है।