एहसान वो किसी का लेते नहीं, मेरा भी चुका दिया,
जितना भी खाया था नमक, मेरे ज़ख्मो पे लगा दिया…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एहसान वो किसी का लेते नहीं, मेरा भी चुका दिया,
जितना भी खाया था नमक, मेरे ज़ख्मो पे लगा दिया…!!