नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो,
हजारों जख्म है दिल पर,
जहाँ चाहो छिड़क डालो..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो,
हजारों जख्म है दिल पर,
जहाँ चाहो छिड़क डालो..