सोचा था की अच्छा है

सोचा था की अच्छा है न गिला पहुंचे, न मलाल पहुंचे,
बिछडे तो ये आलम है न दुआ पहुंचे,न सलाम पहुंचे…!!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version