खुदा तुं भी कमाल का कारीगर नीकला,
खींच क्या लि दो तीन लकीर तूने हाथोंमे
ये भोला इन्सान उसे तक़दीर समझने लगा.. ||
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खुदा तुं भी कमाल का कारीगर नीकला,
खींच क्या लि दो तीन लकीर तूने हाथोंमे
ये भोला इन्सान उसे तक़दीर समझने लगा.. ||