अब इस से भी

अब इस से भी बढ़कर गुनाह-ए-आशिकी क्या होगा !
जब रिहाई का वक्त आया..तो पिंजरे से मोहब्बत हो चुकी थी |

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version