आज शाम महफिल सजी थी बददुआ देने की….
मेरी बारी आयी तो मैने भी कह दिया…
“उसे भी इश्क हो” “उसे भी इश्क हो”
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज शाम महफिल सजी थी बददुआ देने की….
मेरी बारी आयी तो मैने भी कह दिया…
“उसे भी इश्क हो” “उसे भी इश्क हो”