सिर्फ वक्त ही गुजारना हो तो किसी और को आजमा लेना,
हम तो चाहत और दोस्ती दोनों इबादत की तरह करते है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सिर्फ वक्त ही गुजारना हो तो किसी और को आजमा लेना,
हम तो चाहत और दोस्ती दोनों इबादत की तरह करते है|