दिल की बातें

मेरी चाहतें तुमसे अलग कब हैं, दिल की बातें तुम से छुपी कब हैं;
तुम साथ रहो दिल में धड़कन की जगह, फिर ज़िन्दगी को साँसों की ज़रूरत कब है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version