ख़ामोशी से भी नेक काम होते हैं… मैंने देखा है पेड़ों को छाँव देते हुए…
Tag: Zindagi Shayri
मैं फिर से
मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की तलाश में हूँ…. गलती कर रहा हूँ…लेकिन होशो हवास में हूँ …!!!
बहुत अजीब हैं
बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की, कोई किसी को टूट कर चाहता है, और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।
रिश्ता
?” रिश्ता “? कई लोगों से होता है , मगर … कोई प्यार से निभाता है तो … कोई नफरत से निभाता है ..
दर्द
?” दर्द “? सभी इंसानो मे है मगर … कोई दिखाता है तो … कोई छुपाता है …..
हमसफर
?” हमसफर “? सभी है मगर … कोई साथ देता है तो … कोई छोड देता है …..
बेवजह मिलना ए दोस्त
कभी मिल सको तो पंछीयो की तरह बेवजह मिलना ए दोस्त, वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज कितने मिलते है ।
प्यार सभी करते है मगर
?” प्यार “? सभी करते है मगर … कोई दिल से करता है तो … कोई दिमाग सें करता है
वो माँ ही है
रुके तो चाँद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है, वो माँ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है….?
नजर ख़राब है
मेरे हाथ में गंगाजल,तेरे हाथ में शराब है???? मैं हो गया अमावास तू माहताब है? तेरी नजर उठी तो अदा-ए-हुस्न हो गयी?? उठी जो मेरी नजर तो नजर ख़राब है??