अभी रूप का

अभी रूप का एक सागर हो तुम.. कमल जितने चाहोगी खिल जायेंगे|

एक बार देख था

एक बार देख था उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बस! इतनी सी हक़ीकत है,बाकी सब कहानियाँ है..!!

इन सूखे हुए लबों पर

इन सूखे हुए लबों पर कई अनकही बारिशें हैं.. तुम छू लेना इन्हें और बादलों में रिहा कर देना..

इश्क़ की दास्ताँ है

इश्क़ की दास्ताँ है प्यारे अपनी अपनी जुबान है प्यारे रख कदम फूंक फूंक कर नादाँ ज़र्रे ज़र्रे में जान है प्यारे।

लफ़्ज़ों की शर्मिंदगी

लफ़्ज़ों की शर्मिंदगी देखने वाली थी !! खत में मुझे उसने बोसे भेजे थे !!

काश एक ख़्वाहिश

काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर, तुम आ कर गले लगा लो मुझे, मेरी इज़ाज़त के बगैर….!!

आलमारी मैं बंद रखा जाता है

आलमारी मैं बंद रखा जाता है कभी पहना नहीं जाता हाल अपना भी अब बेवा के जेवर जैंसा हो गया है|

नजरे छुपाकर क्या मिलेगा…

नजरे छुपाकर क्या मिलेगा… नजरे मिलाओ,शायद हम मिल जाये

ये तो रस्ते मुझे ले

ये तो रस्ते मुझे ले आए तेरी जानिब ये मुलाक़ात,मुलाकत न समझी न जाये|

तुमने जो दिल को

तुमने जो दिल को छुना छोड़ दिया, लफ्जों ने खूबसूरत होना छोड़ दिया..

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