चल आ तेरे पैरो पर

चल आ तेरे पैरो पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर. कुछ चोटे तुझे भी तो आई ही होगी, मेरे सपनो को ठोकर मारते मारते !

न जाने किसने

न जाने किसने, पढ़ी है मेरे हक़ में दुआ… आज तबियत में जरा आराम सा है…

किसी को राह दिखलाई

किसी को राह दिखलाई किसी का ज़ख्म सहलाया किसी के अश्क जब पोंछे तब इबादत का मज़ा आया|

हुस्न वालों का

हुस्न वालों का वजन ही इतना होता है कि दिल में बैठाते ही दिल टूट जाता है |

फ़रार हो गई होती

फ़रार हो गई होती कभी की रूह मेरी ! बस एक जिस्म का एहसास रोक लेता है !!

तू जादू हैं

तू जादू हैं तो कोई शक नहीं हैं मै पागल हूँ तो होना चाहिए था.!

एक तू और एक वक्त

एक तू और एक वक्त, अफ़सोस की दोनों ही बदल गए

वैसे ही दिन वैसी ही रातें

वैसे ही दिन वैसी ही रातें ग़ालिब, वही रोज का फ़साना लगता है महीना भी नहीं गुजरा और यह साल अभी से पुराना लगता है……

हमको अब उनका…

हमको अब उनका…. वास्ता ना दीजिए …. हमारा अब उनसे…. वास्ता नहीं…

जाता हुआ मौसम लौटकर

जाता हुआ मौसम लौटकर आया है. …. काश वो भी कोशिश करके देखे…!!

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