वक़्त बदल देता है

वक़्त बदल देता है मसले सारे, जिससे हँसते थे उसका ख्याल रुला देता है।

वो भी क्या ज़िद थी

वो भी क्या ज़िद थी, जो तेरे मेरे बीच इक हद थी ! मुलाकात मुकम्मल ना सही, मुहब्बत बेहद थी…!!

कैसी बातें करते हो

कैसी बातें करते हो साहब मैं लफ़्ज़ों से भी ना खेलूँ , ज़माना तो दिलों से खेलता है…

सुना है वो गुस्से मे

सुना है वो गुस्से मे हर चीज़ तोड़ देते हैं, मेरा तो दिल है उनके पास, खुदा खैर करे !

छू जाती है

छू जाती है वो मुझे कितनी ही दफ़ा ख्वाब बनकर…. ये दुनिया तो खामखां कहती है कि वो मेरे नसीब में नहीँ..!!

पसंद करने लगे हैं

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे, मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं।

गुमसुम यादें

गुमसुम यादें, सूने सपने, टूटती-जुड़ती उम्मीदें .. डरता हूँ, कैसे कटेगा, उमर है कोई रात नहीं ..

आँसुओ तुम जरा

आँसुओ तुम जरा, अलग रहना, उसने मुझको, तन्हा बुलाया है..

बे अमल दिल हो

बे अमल दिल हो तो जज़्बात से क्या होता है खेत अगर बन्जर है तो बरसात से क्या होता है|

सैर करती है

सैर करती है जब वो हवेली में चाँद भी खिड़कियां बदलता है

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