मेरे बारे में

मेरे बारे में कोई राय न बनाना ग़ालिब मेरा वक़्त भी बदलेगा और तेरी राय भी !!!!

कदर होती है

कदर होती है इंसान की जरुरत पड़ने पर ही. बिना जरुरत के तो हीरे भी तिजोरी में रहते है |

कोई तो टूटा हुआ

कोई तो टूटा हुआ होगा मेरी तरह ही, जो जुड़ने की ख्वाहिश लिए जी रहा होगा अकेला कहीं !!

मोहब्बत थी तो

मोहब्बत थी तो चाँद अच्छा था, उतर गई तो दाग भी दिखने लगे !!

तेरी यादें हर रोज़

तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास, लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..!!

किताबें कैसी उठा लाए

किताबें कैसी उठा लाए मय-कदे वाले, ग़ज़ल के जाम उठाओ बड़ा अँधेरा है…

हम वही हैं

हम वही हैं,बस ज़रा ठिकाना बदल लिया है तेरे दिल से निकलकर अब ख़ुद में रहते हैं|

किस किस तरह से

किस किस तरह से छुपाऊँ तुम्हें मैं, मेरी मुस्कान में भी नज़र आने लगे हो तुम..

महसूस कर रहें हैं

महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से… याद रखना अगर हम बदल गये तो, मनाना तेरे बस की बात ना होगी !!

काश कुछ लोग

काश कुछ लोग बेईमान नही होते , तो आज इतने लोग परेशान ना होते

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