पूछ लेते वो बस मिजाज मेरा कितना आसान था इलाज मेरा |
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तलाश तो सिर्फ
तलाश तो सिर्फ सुकून की होती है.. नाम रिश्तों का चाहे कुछ भी रख लो..
पता नही होश मे हूँ
पता नही होश मे हूँ या बेहोश हूँ मैं.. पर बहूत सोच समझकर खामोश हूँ मैं..
दीवानगी के लिए
दीवानगी के लिए तेरी गली मे आते हैं.. वरना.. आवारगी के लिए सारा शहर पड़ा है..
ना ढूंढ मेरा
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में… वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है|
मेरा रफीक़ मुझको
मेरा रफीक़ मुझको आजमाने लगा फिर मोहब्बत का मजा आने लगा|
खुद को ही खुद में
खुद को ही खुद में उलझा लिया मैंने.. मुझे वहम था, तुझे सुलझा लिया मैंने..
रिश्ता तोडना मेरी
रिश्ता तोडना मेरी फितरत में नहीं, हम तो बदनाम है रिश्ता निभाने के लिये..
दर्द आवाज छीन लेता है
दर्द आवाज छीन लेता है, खामोशी बेवजह नहीं होती..
साहिब ए अकल
साहिब ए अकल हो तो एक मशविरा तो दो…. एहतियात से इश्क करुं या इश्क से एहतियात…..