उलझे हुए है अपनी उलझनों में

उलझे हुए है अपनी उलझनों में आजकल.. तुम ये न समझना कि अब वो लगाव नही रहा..!!

धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये

धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये,जनाब, आप तो सारे दिल पर कब्जा किये बैठे है…

अपनी जुबान से

अपनी जुबान से किसी की बुराई मत करो, क्योंकि… बुराइयाँ हमारे अंदर भी हैं,और जुबान दूसरों के पास भी है.!

बूढी आँखे पूछती है

बूढी आँखे पूछती है रात और दिन पढ़े लिखे बेटो से…. किन किताबो में लिखा है माँ को तनहा छोड़ दो.

फिर तेरी तस्वीर देखी

फिर तेरी तस्वीर देखी तुझको महसूस किया दिल ने फिर से तस्वीर को छुपाकर रख लिया दिल ने….

पास बैठे इंसान के लिए

पास बैठे इंसान के लिए वक्त नहीं है…!!! दूर वाले.. आजकल नजदीक बहुत हैं…

हमको क़तरा कहकर

हमको क़तरा कहकर हँसना ठीक नहीं यार समंदर हम भी पानी वाले हैं

हम नही मानते

हम नही मानते कागज़ पे लिखे सज्र-ओ-नसब, गुफ़्तगू बता देती है कौन खानदानी है..

किस की आँखों का

किस की आँखों का लिए दिल पे असर जाते हैं मय-कदे हाथ बढ़ाते हैं जिधर जाते हैं …

तुम्हारी प्यारी सी नज़र

तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती, नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती, तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है, फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती..

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