तुम्हे क्या पता

तुम्हे क्या पता कि जब मैं प्रेम में होता हूँ तो खुद से बहुत दूर होता हूँ।

चेहरे के रंग

चेहरे के रंग को देखकर दोस्त ना बनाना.. दोस्तों .. तन का काला तो चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।

अब लोग पूछते हैं

अब लोग पूछते हैं हमसे.. तुम कुछ बदल गए हो बताओ टूटे हुए पत्ते अब .. रंग भी न बदलें क्या..!!

नज़रो से दूर हो

नज़रो से दूर हो कर भी यूँ तेरा रुबारु रहना, किसी के पास रहने का सलीका हो तो, तुम सा हो…

बस दिलों को

बस दिलों को जीतना ही मकसद रखना दोस्तों, वरना दुनिया जीतकर तो सिकंदर भी खाली हाथ ही गया…..

सुकून और इश्क

सुकून और इश्क वो भी दोनों एक साथ !! रहने दो जी, कोई अक्ल की बात करो ।।

सुकून मिलता है

सुकून मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतारकर कह भी देता हूँ और आवाज भी नही होती|

तुम जो ये ख्वाब

तुम जो ये ख्वाब साथ लिए सोते हो,यही तो इश्क़ है|

इनसान बनने की फुर्सत

इनसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती, आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…!

आज फिर बैठे है

आज फिर बैठे है इक हिचकी के इंतज़ार में.. पता तो चले वो हमें कब याद करते है…

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