जो फ़ना हो जाऊं

जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना, ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है !

बहुत शौक था

बहुत शौक था सब को जोङ के रखने का ! होश तब आया जब अपने वजूद के टुकङे देखे !!

परेशानियों ने भी

परेशानियों ने भी क्या खूब याद रखा मेरे घर का पता…. बस ये खुशिया ही है जो आवारा निकली….!!

तेरी एक झलक पाने को

तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा….! खुश किस्मत हैं वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है..!!

तुम कभी भी

तुम कभी भी मोहब्बत आजमा के देखना मेरी हम जिंदगी से हार जायेंगे मोहब्बत से नहीं.

आओ बताता हूँ…

आओ बताता हूँ… अपने दर्द कॊ क्यों नही दर्शाता हूँ… साहेब घर चलाना पड़ता है… इसलिए हर अपमान अपना सह जाता हूँ…

समंदर ने कहा

समंदर ने कहा मुझको बचा लो डूबने से… मैं किनारे पे समन्दर लगा के आया हूँ…

कभी कभी मीलों दूर

कभी कभी मीलों दूर बैठा इंसान आपको जीने का सहारा दे सकता है और वो नहीं जो आपके करीब है।

हर चीज़ वक़्त के साथ

हर चीज़ वक़्त के साथ बदलती है, बस अगर हम वक़्त के साथ चले तो…!!

वापसी का तो

वापसी का तो सवाल ही नही….. आँसुओ की तरह निकला हूँ मै…..

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