वक्त की सीढ़ियों पे

वक्त की सीढ़ियों पे उम्र तेज चलती है जवां रहोगे कोई शौक पाल कर रक्खो

इश्क़ का खेल

इश्क़ का खेल जवानी के लिए होता है बूढ़े मुँह में मुँहासे नही होते !!

मैंने देखा है

मैंने देखा है मोहब्ब़त का हर मंजर.. मैं मुमताज़ नही .पर शाहजहाँ से वाकिफ हूँ.

किस्से बन जाता है

किस्से बन जाता है, कहानियाँ हो जाता है, इक उम्र के बाद आदमी, आदमी नहीं रहता …

बड़ा मासूम जज़्बा है

बड़ा मासूम जज़्बा है सदाक़त हो अगर इसमें मुहब्बत को जहाँ भी हो मुहब्बत ढूंढ लेती है

तुझको रुसवा न किया

तुझको रुसवा न किया ख़ुद भी पशेमाँ न हुये, इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने..!!

ज़बान कहने से

ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना, ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना !!

हमने मोह्हबत के नशे में

हमने मोह्हबत के नशे में उसे ख़ुदा बना डाला , और होश तो जब आया जब उसने कहा , ख़ुदा किसी एक का नहीं होता।।

बात ये है

बात ये है,के तुम बहुत दूर होते जा रहे हो. . . और हद ये है कि तुम ये मानतीं भी नही. .

रहेगा किस्मत से

रहेगा किस्मत से यही गिला जिन्दगी भर, कि जिसको पल-पल चाहा उसी को पल-पल तरसे…

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