हर मर्ज़ का इलाज़

हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में, मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये|

बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना

बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना नहीँ रही.. मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करतेँ हैँ.

अपनी जुबान से

अपनी जुबान से किसी की बुराई मत करो, क्योंकि… बुराइयाँ हमारे अंदर भी हैं,और जुबान दूसरों के पास भी है.!

कह दो कोई उन्हें

कह दो कोई उन्हें कि अपना सारा वक्त दे दें मुझे, जी नहीं भरता मेरा जरा जरा सी मुलाकातों से !

हवाओं की भी

हवाओं की भी अपनी अजब सियासतें हैं ….कहीं बुझी राख भड़का दे कहीं जलते चिराग बुझा दे!

मुश्किल काम दे दिया

अब तो बड़ा मुश्किल काम दे दिया किस्मत ने मुझको, कहती है तुम तो सबके हो गए अब ढूंढो उनको जो तुम्हारे है।

हमको क़तरा कहकर

हमको क़तरा कहकर हँसना ठीक नहीं यार समंदर हम भी पानी वाले हैं

रोकने में क्यों लगी है

रोकने में क्यों लगी है दुनिया… इश्क़ है, फ़साद थोड़ी है साहब!!

साजन की आँखो मे

साजन की आँखो मे छुप कर जब झाँका,बिन होली खेले ही सजनी भीग गयी

पढ़ने वालों की कमी

पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में,नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आँसू पूरी किताब है!!

Exit mobile version