उनकी महफ़िल में

उनकी महफ़िल में हमेशा से यही देखा रिवाज़…. आँख से बीमार करते हैं, तबस्सुम से इलाज़।।

बड़ी जल्दी सीख लेते है

बड़ी जल्दी सीख लेते है जिंदगी का सबक गरीब के बच्चे बात बात पे जिद नहीं करते ||

आ भी जाओ

आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम, ख़्वाबों में तुझे और कितना तलाशा जाए !!

तासीर किसी भी

तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीँ होती गालिब. , वजह यही है कि आँसू भी नमकीन होते है..

एक ये ख्वाहिश

एक ये ख्वाहिश कोई ज़ख्म ना देखे एक ये हसरत कोई देखने वाला होता…

किस किस तरह से

किस किस तरह से छुपाऊँ तुम्हें मैं, मेरी मुस्कान में भी नज़र आने लगे हो तुम….

रोकना मेरी हसरत थी

रोकना मेरी हसरत थी । और जाना उसका शोक … . वो अपना शोक पूरा कर गया । मेरी हसरते तोड़ कर …

हस के चल दूँ

हस के चल दूँ मैं कांच के टुकडो परअगर दोस्त कह दे की ये तो मेरे बिछाए हुए फूल हैं…

कुछ देर तो हँस लेने दो

कुछ देर तो हँस लेने दो मुझे… हर पल कहाँ उसे मैं भूल पाता हूँ..!!

ना लफ़्ज़ों का

ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं, मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले…

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