रौशनी के लिए दिया जलता हैं

“रौशनी के लिए दिया जलता हैं ,शमा के लिए परवाना जलता हैं, कोई दोस्त न हो तो दिल जलता हैं, और दोस्त आप जैसा हो जो ज़माना जलता हैं.”

टूट जायेगी तुम्हारी ज़िद की

टूट जायेगी तुम्हारी ज़िद की आदत उस दिन! जब पता चलेगा की याद करने वाला अब याद बन गया..!!

अंगुलिया टूट गई पत्थर

अंगुलिया टूट गई पत्थर तराशते तराशते जब बनी सूरत यार की.. तो खरीददार आ गये…

तुझे याद न करना अब मेरे बस में कहाँ

तुझे याद न करना अब मेरे बस में कहाँ, दिल को आदत है हर धड़कन पर तेरा नाम लेने की…!!

छोटी सी उम्र में..बड़े तजुर्बे करवा दिए

छोटी सी उम्र में..बड़े तजुर्बे करवा दिए..! पेट की भूख ने..सैंकड़ों हुनर सीखा दिए…..

तकलीफ़ उन्हें भी थी मेरी बातों से

तकलीफ़ उन्हें भी थी मेरी बातों से, तकलीफ़ हमें थी उनकी यादों से…

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ   कभी चुपके से चला आऊँ तेरी खिलवत में और तुझे तेरी निगाहों से बचा कर देखूँ   मैने देखा है ज़माने को शराबें पी कर दम निकल जाये अगर होश में आकर देखूँ   दिल का मंदिर बड़ा… Continue reading मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ

सारी उमर एक ही हसरत रही दिल मे

सारी उमर एक ही हसरत रही दिल मे कि अपनो में भी काश कोई अपना होता…

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