जैसे जैसे तू

जैसे जैसे तू हसीन दिखने लगी है… मेरी ✏ कलम और भी अच्छी शायरी लिखने ✔ लगी है…

जिस के होने से

जिस के होने से मैं खुद को मुक्कमल मानता हूँ मेरे रब के बाद मैं बस मेरी # माँ को जानता हूँ !!!

बरसो से कायम है

बरसो से कायम है इश्क अपने उसुलो पे, ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है!!!

तू ज़ाहिर है

तू ज़ाहिर है लफ्जों में मेरे… मैं गुमनाम हूँ खामोंशियों मे तेरी…

आज सुबह सुबह

आज सुबह सुबह मौत बड़े गुस्से में आके मुझसे बोली की “मैं तेरी जान ले लूँगी” मैंने भी कह दिया की जिस्म लेना है तो ले ले जान तो कोई और ले गया है ll

अब मत करो

अब मत करो हमसे…तुम मोहब्बत की बातें, जिन किताबों से तुमने मोहब्बत सीखी है,वो लिखी भी हमने ही थी

आज हम हैं

आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी, जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी, कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने, तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी

हद से ज्यादा

हद से ज्यादा बढ चुका है तेरा नजरअंदाज करना; ऐसा सलूक ना करो कि हम भूलने पर मजबूर हो जाये…

मैं सदा बेतरतीब

मैं सदा बेतरतीब और बेहिसाब ही रहता हूँ, उलझी-उलझी सी जिंदगी मुझे पसंद है शायद…

मैं पसंद करता हूँ

मैं पसंद करता हूँ उन लोगो को… जो मुझे पसंद नहीं करते…!!!

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