इश्क़ का क्या हुआ

इश्क़ का क्या हुआ है, असर देखें; आप ही आप हैं, अब जिधर देखें!

क्या ऐसा नहीँ हो सकता

क्या ऐसा नहीँ हो सकता की हम प्यार मांगे, और तुम गले लगा के कहो… और कुछ….??

चाँदनी बनने की

चाँदनी बनने की ख़्वाहिश.. हर किसी की है, हमारी तलब.. तुम्हारी ख़ामोश तन्हाई है..!! एक तन्हा रात का ख़त .. चाँद के नाम!

मोत से तो दुनिया मरती हैं

मोत से तो दुनिया मरती हैं आशीक तो बस प्यार से ही मर जाता हैं|

निकली थी बिना नकाब

निकली थी बिना नकाब आज वो घर से मौसम का दिल मचला लोगोँ ने भूकम्प कह दिया|

हम तो पागल हैं

हम तो पागल हैं शौक़-ए-शायरी के नाम पर ही दिल की बात कह जाते हैं और कई इन्सान गीता पर हाथ रख कर भी सच नहीं कह पाते है…

उम्र भर के

उम्र भर के आंसू ज़िन्दगी भर का ग़म, मोहब्बत के बाज़ार में बहुत महंगे बिके हम !!

मुस्कुराना सीखना पड़ता है …

मुस्कुराना सीखना पड़ता है …!रोना तो पैदा होते ही विरासत में मिल गया था….

न हथियार से

न हथियार से मिलते हैं न अधिकार से मिलते हैं….!! दिलों पर कब्जे बस अपने व्यवहार से मिलते है….!!

आज तो हम

आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें, सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!

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