बैठें तो किस उम्मीद पर बैठे रहे यहाँ, उठे तो उठ के जायें कहाँ तेरे दर से हम।
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बेगानावार ऐसे वो
बेगानावार ऐसे वो गुजरे करीब से, जैसे कि उनको मुझसे कोई वास्ता न था।
न जाने किधर जा रही है
न जाने किधर जा रही है यह दुनिया, किसी का यहाँ कोई हमदम नहीं है।
दिल में कमी
दिल में कमी कुछ ऐसी महसूस हो रही है, नजदीक आके जैसे बहुत दूर हो गये है।
तेरे सवाल पै चुप हैं
तेरे सवाल पै चुप हैं, इसे गनीमत जान, कहीं जवाब न दे दें कि मैं नहीं सुनता।
तेरे कूचे में
तेरे कूचे में सब पर फूल बरसे, मगर हम एक पत्थर को भी तरसे।
तेरी उम्मीद पै
तेरी उम्मीद पै जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन, मगर यूँ भी न दिल को आसरा देते तो क्या करते |
तुम्हारी बेरूखी ने
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की , तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहा जाते।
तुमको खबर न हुई
तुमको खबर न हुई और जलके खाक हुआ, वह दिल जो तेरी मुहब्बत का आशियाना था।
गहराई हो जिनमें
गहराई हो जिनमें जमीनी, वही रिश्ते आसमानी होते हैं।