तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी, कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।
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छीनकर हाथों से
छीनकर हाथों से जाम वो इस अंदाज़ से बोली, कमी क्या है इन होठों में जो तुम शराब पीते हो।
मुझे देखो न इस तरह
मुझे देखो न इस तरह गहरी निगाह से तुम….!!! दिल डूबने सा लगता है मोहब्बत के ख्य्याल से
रंजिश ही सही
रंजिश ही सही , दिल को दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे , छोड़ जाने के लिए आ…..
जिस जिस ने
जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया
जो फ़ना हो जाऊं
जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना, ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है !
बहुत शौक था
बहुत शौक था सब को जोङ के रखने का ! होश तब आया जब अपने वजूद के टुकङे देखे !!
परेशानियों ने भी
परेशानियों ने भी क्या खूब याद रखा मेरे घर का पता…. बस ये खुशिया ही है जो आवारा निकली….!!
तेरी एक झलक पाने को
तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा….! खुश किस्मत हैं वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है..!!
तुम कभी भी
तुम कभी भी मोहब्बत आजमा के देखना मेरी हम जिंदगी से हार जायेंगे मोहब्बत से नहीं.