जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र, कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं।
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कभी हमसे भी
कभी हमसे भी बातचीत करने का बहाना कर लो मुझको बुला लो या मेरे पास आना जाना कर लो
हँसते हुए चेहरों को
हँसते हुए चेहरों को ग़मों से आजाद ना समझो, मुस्कुराहट की पनाहों में हजारों दर्द होते हैं!
हर बार रिश्तों में
हर बार रिश्तों में और भी मिठास आई है, जब भी रूठने के बाद तू मेरे पास आई है !!
चल पड़ा हूँ
चल पड़ा हूँ मगर दिल से ये चाहता हूँ.. उठ के मुझे वो रोक ले और रास्ता ना दे..
तुझसे मिलता हूँ
तुझसे मिलता हूँ तो सोच में पड़ जाता हूँ.. के वक्त के पाँव में जंजीर पह्नाऊ कैसे..
देर तक सीने पे
देर तक सीने पे मेरे सर रख कर तुम रोई थी.. मेरे बिन क्या जी लोगी…बस इतना ही पूछा था..
तुमको तो तुम्हारी ये नजर
तुमको तो तुम्हारी ये नजर ले बैठेगी हमको ये मोहब्बत बेखबर ले बैठेगी
दिल की हेराफेरी
दिल की हेराफेरी संभलकर कीजिये हुजूर.. अंजाम ऐ मोहब्बत जुर्म बड़ा संगीन होता है
कभी मुझसे खफ़ा
कभी राजी तो कभी मुझसे खफ़ा लगती है ……… जिंदगी तू ही बता , तू मेरी क्या लगती है