कह दो कोई उन्हें

कह दो कोई उन्हें कि अपना सारा वक्त दे दें मुझे, जी नहीं भरता मेरा जरा जरा सी मुलाकातों से !

हवाओं की भी

हवाओं की भी अपनी अजब सियासतें हैं ….कहीं बुझी राख भड़का दे कहीं जलते चिराग बुझा दे!

मुश्किल काम दे दिया

अब तो बड़ा मुश्किल काम दे दिया किस्मत ने मुझको, कहती है तुम तो सबके हो गए अब ढूंढो उनको जो तुम्हारे है।

हमको क़तरा कहकर

हमको क़तरा कहकर हँसना ठीक नहीं यार समंदर हम भी पानी वाले हैं

रोकने में क्यों लगी है

रोकने में क्यों लगी है दुनिया… इश्क़ है, फ़साद थोड़ी है साहब!!

साजन की आँखो मे

साजन की आँखो मे छुप कर जब झाँका,बिन होली खेले ही सजनी भीग गयी

पढ़ने वालों की कमी

पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में,नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आँसू पूरी किताब है!!

आओ बैठो करीब मेरे

आओ बैठो करीब मेरे कुछ तो बात करो,मैं हूँ ख़ामोश गर तो तुम ही शुरुआत करो…

तारीफ़ करने वाले

तारीफ़ करने वाले बेशक आपको पहचानते होंगे, मगर फ़िक्र करने वालो को आपको ही पहचानना होगा

बगैर आवाज़ के..

कितना भी सम्भाल के रख लो दिल को फिर भी, टूट ही जाता है और वो भी बगैर आवाज़ के..

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