यादों की बारिश

हमने भी मुआवज़े की अर्जी डाली है साहिब…. उनकी यादों की बारिश ने खूब तबाह किया है भीतर तक…

हीरे की तरह

मैंने हीरे की तरह उसको तराशा तो बहुत___! मगर, वो जात का पत्थर था, पत्थर ही रहा

आंसू का स्वाद

लाख मिठाईया चखी हो आपने मगर… ख़ुशी के आंसू का स्वाद सबसे मीठा है…!

कुछ खबर न थी

वो इस खबर में था कि मुझे कुछ खबर न थी उसको खबर नहीं थी कि मैं बेखबर न था

इश्क के रिश्ते

इश्क के रिश्ते भी बड़े नाजुक होते है साहब, रात को नम्बर बिजी आने पर भी टूट जातेहै.!!

सज़ा ए-मौत

कुछ लोग सिखाते हैं मुझे मुहोब्बत के क़ायदे-कानून, .. नहीं जानते वो इस गुनाह में हम सज़ा ए-मौत के मुज़रिम हैं..!!

घर न था

उस के लिये महल भी थे क़िलए भी थे मगर सुल्तान के नसीब में कोई भी घर न था

हीरे बन गये

जिने था हीरो से प्यार उनको हीरे मिल गये, फकीरा जिने था ईश्वर से प्यार वो खुद हीरे बन गये

बांधों के अवरोधों से

बहता पानी भी रुकता देखा_बांधों के अवरोधों से…. नहीं किसी के रोके रुकती उसका नाम “जवानी” है

गुज़रता कौन हे

इश्क में शोलों के दरिया से गुज़रता कौन हे । जान देनेको तो सभी कहतें हे, मरता कौन हे ।

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