उठा कर कफ़न

उठा कर कफ़न , ना दिखाना चेहरा मेरा उनको उसे भी तो पता चले के यार का दीदार न हो तो कैसा लगता है…!!!

बड़ी देर कर दी

बड़ी देर कर दी, उसने मेरा दिल तोड़ने में…!!! ना जाने कितने शायर, मुझसे आगे निकल गये…!!

तुझे भूलकर भी

तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम, बस यही एक वादा निभा पायेगें हम, मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन, तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम….

यूं कम ना आंकिये

लफ़्ज़ों को यूं कम ना आंकिये, चंद जो इक्कठे हो जाएँ तो शेर हो जाते हैं।

परेशानियों ने भी

परेशानियों ने भी क्या खूब याद रखा मेरे घर का पता…. बस ये खुशिया ही है जो आवारा निकली…

न जाने इतनी मोहब्बत

न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए..!! की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता हे ..!!

तुम्हारे हँसने की वजह

तुम्हारे हँसने की वजह बनना चाहता हूँ , बस इतना हैं तुमसे कहना………

इक तमन्ना के लिए

इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!! ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!

न रुकी वक़्त की गर्दिश

न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला…… पेड़ सूखा तो परिन्दों ने भी ठिकाना बदला……

यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से

यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी… दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!

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