कुछ न कुछ कमियाँ

कुछ न कुछ कमियाँ बता कर, निगाहों से गिराती है। दुनियां नेक नीयत पर भी, उँगलियाँ अब उठाती हैं.!!

मेरे नाम से घबराहट तो होगी

दरख़्त-ए-नीम हूँ, मेरे नाम से घबराहट तो होगी, छांव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कड़वाहट तो होगी..!!

हर शख्स के काबिल

हर शख्स नही होता हर शख्स के काबिल … हर शख्स को अपने लिए सोचा नही करते |

दिन गुमसुम से ढल जायेंगे 

अब के बाद न जाने कितने दिन गुमसुम से ढल जायेंगे जाने कितने आज सदा को इसी तरह कल बन जायेंगे …

मैंने प्रेम की डोर खोल दी

चलो अब मैंने प्रेम की डोर खोल दी… जिससे बांधा था तुम्हे… अगर वो मेरा है…तो मेरे पास लौट आएगा…अगर न लौटा…तो वो मेरा कभी था ही नही…!!!

थोड़ा परेशान हूँ मैं

सिर्फ ख़ुशी में ही आना, अभी दूर रहो थोड़ा परेशान हूँ मैं…

कोई सुलह करा दे

कोई सुलह करा दे, बड़ी तलब लगी है, मुस्कुराने कि…

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं, क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं….. तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं

राह संघर्ष की जो चलता है

राह संघर्ष की जो चलता है, वो ही संसार को बदलता है । जिसने रातों से जंग जीती है, सूर्य बनकर वही निकलता है ।

रूह में बसा करते थे

रूह में बसा करते थे हम कभी…. अब लफ़्ज़ों में भी रहते नहीं…….

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