कभी पास बैठ कर

कभी पास बैठ कर गुजरा तो कभी दूर रह कर गुजरा, लेकिन तेरे साथ जितना भी वक्त गुजरा बहुत खूबसूरत गुजरा|

शायद वक्त का

शायद वक्त का मजाक था या मेरी बदनसीबी….तेरी कुछ बातों को मैं मोहब्बत समझ बैठा|

आओ कभी यूँ

आओ कभी यूँ भी मेरे पास कि, आने में .. लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए !!!!

सुना है लोग

सुना है लोग अफ़सोस से कहते है की कोई किसीका नहीं, लेकिन कोई यह नहीं सोचता की हम किसके हुए !

सिर्फ साँसों का

सिर्फ साँसों का चलने का नाम ही जिंदगी है, तो मेरा नाम भी जीने वालों में लिखना !!

आओ कभी यूँ भी

आओ कभी यूँ भी मेरे पास कि, आने में .. लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए !!!!

ख़ामोशियाँ जब चीखने लगें..

ख़ामोशियाँ जब चीखने लगें.. तो समझो ज़िंदगी रक़ीब हो चली है ख़ुद की..

जी ढूँढता है

जी ढूँढता है घर कोई दोनों जहाँ से दूर इस आप की ज़मीं से अलग आसमाँ से दूर|

बर्फ़ डूब कर

बर्फ़ डूब कर मर गयी शराब में, होंठ लाश तलाश रहे हैं …..

इश्क़ मरता कहाँ है

इश्क़ मरता कहाँ है यारों…. ये तो दो टुकड़ों में जिया करता है….!!

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