सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से.. पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला
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खूबसूरत सा रिश्ता
बड़ा खूबसूरत सा रिश्ता है तेरा और मेरा.. न तूने कभी बाँधा और न मैने कभी छोड़ा !!
पतझड़ को भी
पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल, बिखरे हुए हर पत्ते की अपनी अलग कहानी है।
बेहिसाब हसरतें न पालिये
बेहिसाब हसरतें न पालिये. जो मिला है उसे संभालिये..!
मेरी ख़ामोशी से
मेरी ख़ामोशी से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता… और शिकायत में दो लफ्ज़ कह दूँ तो वो चुभ जातें है…!!!
दिन ढले करता हूँ
दिन ढले करता हूँ बूढ़ी हड्डियों से साज़-बाज़…… जब तलक शब ढल नहीं जाती जवाँ रहता हूँ मैं…….
खुदखुशी करने से
खुदखुशी करने से मुझे कोई परहेज नही है, बस शर्त ईतनी है कि फंदा तेरी जुल्फों का हो।
क्यूँ नहीं हो सकती मोहब्बत
क्यूँ नहीं हो सकती मोहब्बत ज़िंदगी में दोबारा, बस हौसला चाहिए फिर से बर्बाद होने के लिए।
कभी जो मिलें फुरसत
कभी जो मिलें फुरसत तो बताना जरूर… वो कौन सी मौहब्बत थी जो मैं ना दे सका….
महफूज़ है सीने में. .
महफूज़ है सीने में. . . . और पुख्ता बहुत है, फिर क्यूँ ज़रा सी बात पे दिल दुखता बहुत है…!!