हम इश्क के

हम इश्क के फ़कीर है प्यारे छीनकर ले जायेंगे… दिल की धड़कने तुम्हारी

तू इतना प्यार कर

तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!

तुम कभी कभी

तुम कभी कभी गुस्सा कर लिया करो मुझसे यकीन हो जाता है कि अपना तो समझते हो….

पहले कभी ये यादें

पहले कभी ये यादें ये तनहाई ना थी, कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी, जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें, वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।

दोनों आखों मे

दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना हम तुम्हे याद किया करते हैं…

कच्चे रिश्ते जरा भी

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!

तेरी एक झलक पाने को

तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा….! खुश किस्मत हैं वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है..!!

कभी साथ बैठो

कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या दर्द है मेरा…… तुम दूर से पूछोगे तो खैरियत ही कहेगे …

देखी है बेरुखी की…

देखी है बेरुखी की… आज हम ने इन्तेहाँ, हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए.।

हमारे बगैर भी

हमारे बगैर भी आबाद थीं महफिलें उनकी. और हम समझते थे कि उनकी रौनकें हम से है…..!!!!

Exit mobile version