मंज़िल का पता है

मंज़िल का पता है न किसी राहगुज़र का बस एक थकन है कि जो हासिल है सफ़र का…

बहुत खुशनसीब होते है

बहुत खुशनसीब होते है ना वो लोग। जिनके हाथो में मिलने के बाद बिछड़ने की लकीर नहीं होती……

समझदारी इसी में

समझदारी इसी में है की, कभी भी उस व्यक्ति पर पूरा भरोसा मत कीजिये, जिससे आप एक बार भी धोखा खा चुके हो !!

अब तो आंखे भी

अब तो आंखे भी थक गई तेरी याद में रोते-रोते,कम्बख्त दिल है कि तुजे भुलाना ही नही चाहता|

कैसे अजीब क़िस्से हैं….

वक़्त के अपने भी कैसे अजीब क़िस्से हैं…. मेरा कटता नहीं .. और उनके पास होता नहीं

उसका इंतजार और नींद

ये रात…..उसका इंतजार और नींद का बोझ, अगर मोहब्बत ना करता तो कब का सो गया होता मैं . .

तू मिल मुझे रात के रस्ते

तू मिल मुझे रात के रस्ते मै ख्वाबों कों सजाता हूँ…! तू मौसम ईश्कनुमा करदे मोहोब्बत को मैं लाता हूँ…!

गुंचे ने कहा कि

गुंचे ने कहा कि इस जहाँ में बाबा ये एक तबस्सुम भी किसे मिलता है|

जुड़ने लगा है

जुड़ने लगा है दिल का हर टुटा टुकड़ा कमबख्त फिर न किसी से मुहब्बत हो जाये.. ।।

होना है मेरा क़त्ल

होना है मेरा क़त्ल ये मालूम है मुझे….. . . . लेकिन ख़बर नहीं कि मैं किसकी नज़र में हूँ…..!!

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