यादें क्यों नहीं

यादें क्यों नहीं बिछड़ जाती, लोग तो पल में बिछड़ जाते हैं|

इश्क़ ऐसा करो कि

इश्क़ ऐसा करो कि धड़कन मे बस जाए, सांस भी लो तो खुश्बू उसी की आए, प्यार का नशा आँखो पे ऐसा छाए, बात कोई भी हो,पर नाम उसी का आए…..

पहले कभी ये यादें

पहले कभी ये यादें ये तनहाई ना थी, कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी, जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें, वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।

दोनों आखों मे

दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना हम तुम्हे याद किया करते हैं…

हम जिनके दीवाने है

हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे, हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे, तो हंस के कहने लगे, के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे..

तुझे भूलकर भी

तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम, बस यही एक वादा निभा पायेगें हम, मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन, तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम….

यूं कम ना आंकिये

लफ़्ज़ों को यूं कम ना आंकिये, चंद जो इक्कठे हो जाएँ तो शेर हो जाते हैं।

तेरे ख्याल में

तेरे ख्याल में जब बे-ख्याल होता हूँ, ज़रा सी देर को सही बे-मिसाल होता हूँ।

आँखों की आवाज़

आँखों की आवाज़ कुछ और होती है, आंसू की आग कुछ और होती है … कौन चाहता है बिछड़ना अपनों से , पर किस्मत की बात कुछ और होती है |

कच्चे रिश्ते जरा भी

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!

Exit mobile version