कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो, कोई रुठे तो उसे मनाना सीखो … रिश्ते तो मिलते है मुकद्दर से, बस उन्हे खूबसूरती से निभाना सीखों..
Tag: शर्म शायरी
ये भी ज़िद है
ये तो सच है क़ि हमें चाहने वाले बहुत हैं, पर ये भी ज़िद है क़ि हमें सिर्फ तुम चाहो…!!
ऐ जिंदगी तू
ऐ जिंदगी तू सच में बहुत ख़ूबसूरत है…! फिर भी तू, उसके बिना अच्छी नहीँ लगती…!!
दिल रखकर देख
मेरी चाहत देखनी है तो मेरे दिल पर अपना दिल रखकर देख…………… तेरी धडकने न बंद हो जाये तो मेरी मोहब्बत ठुकरा देना।।
पहले क्षमा मांगता है
जो पहले क्षमा मांगता है वह सबसे बहादुर है, जो सबसे पहले क्षमा करता है वह सबसे शक्तिशाली है, और जो सबसे पहले भूल जाता है वह सबसे सुखी है !
कसर नहीँ छोङी
छोङो ना यार , क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मे!
मेरे साथ ही
“ऐ – नसीब… ‘जरा एक बात तो बता…?? क्या सब को आजमाते हो, या बस मेरे साथ ही दुश्मनी है..!!
फिर भी न सुधर पाए हम
ए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम, फिर वही शायरी ‘फिर वही प्यार फिर वही तुम
अपने ही लोग स्वादानुसार
नमक की तरह हो गयी है जिंदगी, अपने ही लोग स्वादानुसार इस्तेमाल करने लगे हैं.
ढूंढने चले हो
ढूंढने चले हो हमसे बेहतर तो जाओ पर याद रखना!!! तलाश हमीं पर आकर ख़त्म होगी तुम्हारी!!!