दिल में ही छुपाए रक्खा

कहाँ मिला कोई ऐसा जिसपे दुनिया लूटा देते, हरे एक ने धोखा दिया किस किस को भुला देते..! अपने दिल का दर्द दिल में ही छुपाए रक्खा, अगर करते बयाँ तो पूरी महफ़िल को रुला देते..!!

अधूरी रह जाती है

मोहब्बतें अधूरी रह जाती है तभी तो शायरियां पूरी होती है|

दुआ करते हैं

जब तेरे दर्द में दिल दुखता है..! हम तेरे हक़ में दुआ करते हैं….!!!

ना तुम मेरे

अजीब हालात हैं। ना तुम मेरे, ना मैं अपना…

इंतज़ार मेरा मुकद्दर

जी लेंगे तेरे ‘अहसासों’ में क़ि मेरी ‘ज़िन्दगी’ तू है, इंतज़ार मेरा मुकद्दर ही सही लेकिन मेरी आरज़ू तू ही है

मंजिल ही नहीं रही

तकदीर मिट गई , जो पाना चाहता था| वो मंजिल ही नहीं रही , जँहा जाना चाहता था| वो आँसू रुक गए , जो बहाना चाहता था| वो प्यार ही नहीं रहा , जो पाना चाहता था

हक़दार हम नहीं

मैं अभी तक समझ नहीं पाऐ तेरे इन फैसलो को ऐ खुदा,उसके हक़दार हम नहीं या हमारी दुआओ में दम नहीं.!!

मोहब्बत कब हो जाए

मोहब्बत कब हो जाए किसे पता..साहब..हादसे पूछ के नही हुआ करते …

सर झुका करऐ जिंदगी

हर बात मानी है तेरी सर झुका करऐ जिंदगी, हिसाब बराबर करतू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी|

दिल और जज्बात

सिमटते जा रहें हैं दिल और जज्बात के रिश्ते सौदा करने में जो माहिर है बस वही धनवान है

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