जिंदगी में कभी

जिंदगी में कभी बिछड़ना पड़े तो मेरी साँसें भी ले जाना, तुम्हारे बाद ये मेरे किसी काम की नहीं|

हमारी लिखी बात

हमारी लिखी बात को कोई समझ नहीं पाता ……. क्यों की हम अहसास लिखते है लोग अलफ़ाज़ पढते हैं|

कुछ फासले ऐसे भी

कुछ फासले ऐसे भी होते हैं ..जो तय तो नहीं होते… पर यक़ीनन नजदीकियां कमाल की रखते हैं …!!

कोई तालिम नहीं

कोई तालिम नहीं सीखी हमने, इस दुनियां से..। हम आज भी सच बोलते हैं, मासूम बच्चों की तरह..।।

हमने तो कर दिया

हमने तो कर दिया इजहारे इश्क सबके सामने … अब मसला आपका है खुलकर कीजिये या आँखों से |

काश कही से

काश कही से मिल जाते वो अलफ़ाज़ हमे भी… “जो तुझे बता सकते कि हम शायर कम, तेरे दीवाने ज्यादा हैं!!

आंसू बहा बहा के

आंसू बहा बहा के भी होते नहीं हैं कम.. कितनी अमीर होती है आँखें ग़रीब की..

बहुत आदतें थीं

बहुत आदतें थीं जो छोड़ दी मैंने… ख़्याल तुम्हें अपनाने का जो आया!!

शाम हसीन क्या हुई

ज़रा सी शाम हसीन क्या हुई.. उनकी कमी दिल को खलने लगी..!!

लोग कहते है

लोग कहते है कि आदमी को अमीर होना चाहिए और हम कहते है कि आदमी का जमीर होना चाहिए|

Exit mobile version